1988 से अब तक विंध्य के 3 सबसे बड़े बस हादसे, जो पत्तल लीं 200 से अधिक जानें | सीधी बस दुर्घटना सीधी बस दुर्घटना |
इस हादसे के दौरान बस में सवार 7 लोग नहर से तैरकर बाहर आ गए। विंध्य का यह तीसरा सबसे बड़ा हादसा है। इसके पहले भी सीधे और रीवा जिले में दो ऐसी ही घटनाएं हो चुकी हैं। जिनकी वजह से कई लोगों की मौत हो गई थी।
सीधी-सतना सड़क मार्ग पर ही आज से 33 साल पहले यानी वर्ष 1988 में और रीवा के गोविंदगढ़ में वर्ष 2006 में ऐसा ही हादसा हुआ था। जहां लोगों की मौत का पानी में डूबने की वजह से हो गया था। 1988, 2006 और 2021 में बड़े बस हादसों में 201 लोगों की जान जा चुकी है।
1988 लिलजी बाँध बस दुर्घटना (लिलजी बंध बस दुर्घटना 1988) आज से 33 वर्ष पहले लिलजी बाँध में एक बस गिर गई थी। 1988 में हुई इस सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हादसे में 88 लोगों की मौत सीधे सतना मार्ग स्थित लिलजी बाँध में डूबने की वजह से हो गई थी। उसके बाद इलाके में कोहराम मच गया था। सरकार की तरफ से बड़ी-बड़ी बातें की गई थीं लेकिन कुछ हुआ नहीं। बताया जा रहा है कि बस की छत तक में लोग बैठे हुए हैं। क्षमता से कहीं अधिक लोग बसने की यात्रा कर रहे हैं।
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- ( गोविंदगढ़ बस दुर्घटना 2006) लिलजी बांध बस हादसे के बाद एक बार फिर विंध्य में बड़ी सड़क हादसा हुआ। वर्ष 2006 में एक यात्री बस गोविंदगढ़ के तालाब में जा गिरी। बताया जा रहा है कि यह बस में 63 लोग सवार हैं, जिसमें से एक ही व्यक्ति जिन्दा बच पाया था। बांकी सभी 62 लोगों की मौत पैचब में डूबने की वजह से हो गया था। इस बस में भी क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया गया था।
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सीधे बस्तियों में मृतकों की सूची नीचे दी गई डाउनलोड करने के लिए डाउनलोड पर क्लिक करें-
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